फली बेधक के नियंत्रण हेतु फसल की नियमित निगरानी के साथ-साथ करें ये उपाय



अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ

बांदा। वर्तमान में मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है जिससे लगभग सभी फसलों में कीट व्याधियों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। इसका नियन्त्रण अधिक उपज के लिये अति आवश्यक है। समय से अथवा जानकारी के अभाव में कीटों का नियन्त्रण न होने पर फसल के उत्पादन में भारी गिरावट आती है। वर्तमान में चना/मटर/मसूर में फली बेधक के नियंत्रण हेतु फसल की नियमित निगरानी करते रहें। कीटों के नियन्त्रण हेतु 5 फेरोमोन ट्रैप प्रति हे0 की दर से खेत मे लगायें व आवश्यकतानुसार नीम गिरी 4 प्रतिशत अथवा एच0एन0पी0वी0 250 एल0इ0 250-300 मिली0 300-400 लीटर पानी मे घोलकर प्रति हे0 की दर से सायंकाल छिड़काव करके कीट का जैविक नियंत्रण करें। कीटों के ज्यादा प्रकोप पर अथवा सेमीलूपर कीट के रासायनिक नियंत्रण हेतु क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई0सी0 की 2 लीटर मात्रा प्रति हे0 की दर से 600-700 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करना चाहिये। 

दलहन की अन्य फसल जैसे अरहर में फली की मक्खी कीट से प्रकोपित फलियों की दशा में थायोमेथोक्साम 25 प्रतिशत डब्लू0 जी0 3 ग्रामको 10 लीटर अथवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस0एल0 3 मिली0 को 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। बुन्देलखण्ड में बोई जाने वाली लगभग सभी सब्जियों में कीटों के नियंत्रण हेतु नीम गिरी 4 प्रतिशत (40 ग्रा0 नीम गिरी का चूर्ण 1 ली0 पानी में) का घोल बनाकर 10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करना चाहिए। बैगन की फसल में कलंगी एवं फल बेधक कीट के नियंत्रण हेतु 10 मीटर के अन्तराल पर प्रति हेक्टेयर में 100 फेरोमोन ट्रेप लगाकर वयस्क नर कीट पकड़ कर नष्ट कर देना चाहिए। 

रसायनिक नियन्त्रण हेतु क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल कीटनाशी की 100 मिलीलीटर मात्रा को 250 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ की दर से  10 दिन के अन्तराल पर आवश्यकतानुसार छिड़काव करना चाहिए। टमाटर में फल बेधक सूड़ी के नियंत्रण हेतु एजाडिरैक्टिन 0.15 प्रतिशत की 2.5 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हे0 की दर से आवश्यकतानुसार 8-10 दिन के अन्तराल पर छिड़काव करें। फूलगोभी, पत्तागोभी में डायमंड बैक मोथ की निगरानी हेतू फेरोमोन प्रपंच 3-4/एकड़ लगाए व बैसिलस थूरिनजिएन्सिस (बी0टी0) 1.0 किग्रा0 प्रति हे0 की दर से 400-500 ली0 पानी में घोलकर आवश्यकतानुसार 10-15 दिन के अन्तराल पर सायंकाल छिडकाव करना चाहिए।

रसायनिक दवाओं का प्रयोग तभी करें जब जैविक नियन्त्रण करना सम्भव ना हो। राई/सरसों में माँहू के जैविक नियंत्रण हेतु एजाडिरैक्टिन (नीम ऑयल) 0.15 प्रतिशत ई0सी0 2.50 लीटर प्रति हे0 की दर से 600-700 ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें जिससे परभक्षी कीटों व मित्र कीटों का संरक्षण किया जा सके। कीट के रासायनिक नियंत्रण हेतु इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एस0एल0 250 मिली0 की मात्रा को 600-750 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करना चाहिये। किसी भी फसल में कीट ब्याधियों के रोकथाम की जानकारी हेतु कृषि विश्वविद्यालय, बाँदा के कीट विज्ञान के प्राध्यापक, डा0 राकेश पाण्डेय के मोबाईल नम्बर 7376473763 पर अथवा सस्य विज्ञान के प्राध्यापक, डा0 दिनेश शाह के मोबाईल नम्बर 9862567430 पर सम्पर्क (शनिवार को प्रातः 10 बजे से सायं 04 बजे तक) कर सकते है।

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